Tuesday, March 22, 2011

पति‍ पत्‍नि‍ का असली प्रेम, पानी का डर, शार्टकट का रहस्‍य, स्‍वीटी रमानी की सर्विस

पति - जब से हम मिलें हैं अपना प्रेम बढ़ता ही गया है और आज रजत जयंती वर्ष में भी मेरी तुम्हारी प्रति वही सोच है जो पहली मुलाकात के बाद थी
पत्नि - तुम मेरे बारे में पहली मुलाकात में क्या सोचते थे प्रिय!
पति - यही कि तुम वाकई बहुत बड़ा सिरदर्द हो।
_____________________________________________________________

संता - मेरी घरवाली पानी से बहुत डरती है, पानी से तो उसे कोई फोबिया है जैसे।
बंता - क्यों तुम्हें ये बात कैसे पता चली।
संता - कल जब मैं घर पहुंचा तो वो बाथ टब में भी सिक्योरिटी गार्ड को साथ लेकर नहा रही थी।
_____________________________________________________________
संता: हेयर कटिंग प्रोफेशनल्‍स (नाई) कुछ ही समय में बहुत ही अच्छे ड्रायवर बन जाते हैं, ऐसा कैसे होता है?
बंता: अरे वो लोग हर शार्टकट के बारे में बहुत अच्छी तरह जानते हैं बस इसलिए।
_____________________________________________________________
पति: तुम ऐसी वाहयात बातें बोलकर मेरे अन्दर के पशु को मत जगाओ।
पत्नि: जाग जानो दो जी तुम्हारे अन्दर के पशु को, मैं चूहों से बिल्कुल नहीं डरती।
_____________________________________________________________
हर पुरूष की तीन इच्छाएं होती हैं
पहली ये, कि वो उतना ही स्मार्ट हो जैसा कि उसकी मां समझती है।
दूसरी ये कि, वो उतना ही अमीर हो जाये, जितना उसके बच्चे समझते हैं।
तीसरी ये कि, उसके उन सभी स्त्रियों से वास्तव में ही संबंध हो जायें जिनके बारे में उसकी पत्नि को शक है।
_____________________________________________________________
 
पुत्र: अपने पिता से - पिता जी शादी में कितना खर्च आता है?
पिता: पता नहीं बेटा, मैं तो अभी तक भुगतान कर रहा हूं। 
_____________________________________________________________

Cartoon by : Ashok Jongre/Tongre
भिखारी: साहब एक रूपया दे दो।
साहब: तुम्हें शर्म नहीं आती, हट्टे कट्टे हो और सड़क पर खड़े होकर भीख मांग रह हो!!
भिखारी: मुझे नहीं लगता कि हट्टा कट्टा हूं तो आप अपनी बेटी का ब्याह तो मुझसे कर देगें और ना ही मुझे आपके 1 रूपये के लिए 5 स्टार होटल में ऑफिस खोलने की जरूरत है।
_____________________________________________________________
चंदू रमानी की घरवाली मेहमानों के सामने निर्वस्त्र ही चली आई और गाजर का हल्वा परोसने लगी।
चंदू गुस्से में, जोर से चिल्लाया - ये क्या बेहूदगी है?
स्वीटी रमानी बोली - जी रैसिपी बुक में ऐसा ही लिखा था जी ”सर्व हाॅट, विथआउट ड्रेसिंग“

8 comments:

  1. ऐसी ऐसी
    खुशनुमा बातें....
    नफ़ीस चुटकलावली...
    अब मैं भी सोच रहा हूँ
    कि कौन कहता है ...हंसना मना है !!!

    ReplyDelete
  2. रसीला चुटीला हास्य,बस हँसतें ही रहो.
    कहाँ हो राजे शा जी,मेरे ब्लॉग पर दर्शन नहीं हुए आपके काफी दिन से.कहीं नाराज तो नहीं ? कुछ हंसी की छीटें उधर भी.

    ReplyDelete
  3. घरवाली के पानी फोबिया वाला तो गज़ब ही है :)

    ReplyDelete
  4. आप हंसाते रहे,हम हँसते जायेंगे.
    ज़िन्दगी के रास्ते आसानी से कटते जायेंगे.


    बहुत बढ़िया हास्य,राजे जी.

    ReplyDelete
  5. खूब.. भिखारी ऑफिस नहीं खोलते हाँ बैंक में अकाउंट ज़रूर खोलते हैं. मजेदार लतीफे.

    ReplyDelete

फोलो करेंगें तो आपके डेशबार्ड पर चुटकुले तुरन्‍त पहुंच जायेंगे।