Friday, February 25, 2011

हंसी का रहस्‍य, स्‍मगलि‍न्‍ग का नया तरीका, समझदार छुटकु और संता का चाइनीज दोस्‍त

शर्मा जी ने नोट किया जब से बगल वाले फ्लैट में वर्मा फैमिली रहने आयी हैं, वहां से हमेशा हंसने की आवाजें आती रहती हैं।
एक दिन शर्मा जी ने वर्मा जी के घर जाकर पूछा - लगता है आप बड़े खुशमिजाज लोग हैं,हमें भी अपने खुशहाल जीवन का राज बताईये ना?
वर्मा जी - अजी खुशहाल जीवन की ऐसी की तैसी, दरअसल जब भी हम मियां बीवी में लड़ाई होती है वो मुझ पर चीजें फेंक फेंक कर मारने लगती है, अगर मुझे लग जाये तो वो हंसती है और ना लगे तो मैं हंस देता हूं, और बच्चे तो दोनों ओर से हंसते ही हैं, बस यही हमारे यहां से हंसने की आवाजें आने की वजह है।
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रूचिकर तथ्य:
  • कुछ लोगों से जब हमने कहा कि प्रार्थना में हमें मांगना नहीं चाहिये तो उन्होंने कुछ अलग ही करना शुरू कर दिया। मुल्ला नसरूद्दीन पिछली रात एक मोटरसाईकिल चुरा लाया और रात भर भगवान से प्रार्थना करता रहा - हे प्रभु मुझे माफ करना।
  • पढ़े लिखे और समझदार में अन्तर होता है। पढ़ा लिखा कहता है -टमाटर एक फल है पर समझदार टमाटर को फ्रूट-सलाद में डालकर खाने नहीं लगता।
  • प्रकाश की गति, ध्वनि से तेज होती है इसलिए कुछ लोग तब तक बहुत अच्छे दिखते हैं जब तक वो मुंह से कुछ बक नहीं देते।
सालों पहले एक ग्रामीण परिवार का एक सदस्य जहांगीर सिंह, विदेश में शादी कर, बीवी बच्चों सहित बस गया, सारी उम्र गुजर गई बस वो कुछेक बार ही गांव आया और वापस विदेश चला गया। उसके बीवी-बच्चों ने गाँव के एक आध बार दर्शन किये लेकिन उन्हें अपने सीधे-सादे रिश्तेदार बहुत अच्छे लगे, उनकी यादों में बस गये। उम्र हुई और जहांगीर सिंह की मृत्यु हो गई। जहांगीर सिंह की आखिरी इच्छा थी कि उसका अंतिम संस्कार उसके गांव में ही किया जाये। इधर विदेश में बच्चों को कामकाज से फुर्सत नहीं मिली और उन्होंने उसकी देह को बाॅक्स में अच्छी तरह व्यवस्थित कर उसके गाँव भेज दिया।
जब गाँव वालों ने क्रियाकर्म करने के लिए बॉक्‍स खोला तो - उसमें जहांगीर के बच्चों का लिखा एक पत्र मिला। लिखा था- आदरणीय चाचा चाची जी, पिता जी की शरीर के ऊपर एक दर्जन चाॅकलेट के पैकेट, 10 पैकेट बबलगम और 10 पैकेट बादाम-काजू के रखे हैं, ये सब बच्चों में बांट देना। पिता जी को हमने रिबोक के जूते पहना दिये हैं जो चाचा जी आपके काम आयेंगे, पिता जी को हमने हेट भी पहना दिया है, ये ताऊ जी को दे देना। पिता की दोनों बाजुओं में एक एक हेंड बेग है, ये चाची और ताई जी के लिए है। पिता जी को हमने 6 शर्ट्स पहना दी हैं, ये सारे परिवार के काम आयेंगी। पिता जी के गले में लाल नगों वाला सोने का नेकलेस, शोभा भाभी के लिए है। मीना दीदी के लिए अंगूठी पिता जी के लेफ्ट हेंड में है। कमाल और गुरनाम भैया के लिए घड़ियां पिता जी के दोनों हाथों में पहना दी हैं। हम लोग अभी दो चार साल के लिए गांव नहीं आ सकेंगे, पर किसी को और किसी चीज की जरूरत हो तो जल्दी ही बता देना, क्योंकि मम्मी की तबीयत भी बहुत खराब है।
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छुटकू: मम्मी मैं अब समझ गया बहुत ही गरीब लोग कैसे होते हैं?
मम्मी: क्यों? कैसे होते हैं गरीब लोग?
छुटकू: कल सीमा ने पचास पैसे क्या निगल लिये उसके मम्मी-पापा तो हैरान परेशान होकर इधर-उधर भागने लगे। 50 पैसे के लिए उसे तुरन्त ही मोटरसाईकिल पर बैठा डॉक्‍टर के पास ले गये।




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संता - मृत्युशैया पर पड़े चाइनीज दोस्त से मिलने हॉस्‍पि‍टल पहुंचा। वह जैसे ही उसके बेड के पास पहुंचा, उसका दोस्त ”चिन यू वान“ कहते हुए कराहा और देह त्याग दी।
संता ने सोचा - आखिरकार मरते वक्त उसने क्या कहा? किसी खजाने या रहस्य की सूचना ही ना हो, यह सोचकर संता अगली फ्लाईट पकड़कर चाईना में उसके घर गया। संता को उन आखिरी शब्दों का जो अर्थ मालूम पड़ा, वो ये था -  ”हटो, तुम मेरी आक्सीजन की नली पर खड़े हो“।