Tuesday, July 12, 2011

काबि‍लेयकीन, समझदार चुहि‍या, खानदानी कैदी और कुत्‍ता

एक युवती रोती हुई घर आई और अपनी मां से बोली - मम्मी मैं रंजीत से शादी नहीं करूंगी, वो तो नास्तिक है। वो भगवान में विश्वास ही नहीं करता, ना राम में ना कृष्ण में ना किसी और देवी देवता में।
मां बोली - कोई बात नहीं बेटी, तुम चिंता मत करो...
बेटी बोली - लेकिन मम्मी वो तो ... यहां तक की "नर्क होता है", इस पर भी यकीन नहीं करता।
मां बोली - मैंने कहा ना बेटी, तुम चिंता मत करो... तुम बस उससे शादी कर लो... वो सब पर यकीन करने लगेगा।

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एक चुहिया पेड़ पर चड़ रही थी। बन्दर ने देखा तो बोला - यहां पेड़ पर क्या करने आई हो चुहिया रानी।
चुहिया बोली - सेब खाने।
बंदर बोला - पर ये तो आम का पेड़ है।
चुहिया - बन्दर मामा ज्यादा स्याणपंती मत दिखाओ, सेब में अपने साथ लेकर आई हूं।
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दो खानदानी कैदी आपस में बातचीत कर रहे थे।
पहला बोला - मेरे पिता जी अपने मरने का निश्चित वर्ष जानते हैं यहां तक कि महीना, सप्ताह और दिन भी। यहां तक कि वो उस नियत समय को भी जानते हैं जब उनकी मौत होगी।
दूसरा बोला - ओ! तो क्या वो बहुत बड़े ज्योतिषी या त्रिकालदर्शी हैं।
पहला बोला - नहीं, उन्हें ये सब एक जज ने बताया है, उनके खूनी साबित करने वाले फैसले में।
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महानगर के अखबार में एक विज्ञापन प्रकाशित हुआ - एक तीन टाँग वाला कुत्ता खो गया है। मूत्र त्याग के समय वह गिर पड़ता है। मिलने पर पता दें।