Wednesday, September 15, 2010

उम्‍मीद पे दुनि‍यां कायम है।

पहला गधा: यार मेरा मालिक दिन भर काम लेता है, मारता है, खाना भी नहीं देता - बहुत तंग हूं।
दूसरा गधा: तो तू भाग क्यों नहीं जाता?
पहला गधा: भाग तो जाऊं... पर उस उम्मीद का क्या करूं?
दूसरा गधा: कौन सी उम्मीद ?
पहला गधा: मेरे मालिक की एक सुन्दर और जवान बेटी है, वो जब भी कोई शरारत करती है मेरा मालिक कहता है मैं तेरी शादी इस गधे से कर दूंगा।
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चार दार्शनिक दुनियां की सबसे तेज चीज पर चर्चा कर रहे थे। 

बंता हड़बड़कर बोले - सबसे तेज पलक का झपकना है यही समय को मापने की इकाई भी है।

विपुल बैनर्जी बोले - नहीं जी, सबसे तेज विचार की गति है, आप एक खयाल पर ध्यान नहीं दे पाते कि दूसरा आ जाता है।

चैन्ना स्वामी बोले - सबसे तेज है विद्युत की गति। हम यहां स्विच दबाकर हजारों किलोमीटर दूर अंतरिक्ष की चीजों को नियंत्रित कर सकते हैं।

जब संता अवधूत की बारी आयी तो बोले आप व्यर्थ की चर्चा कर रहे हैं। मैं आपको कल रात की अनुभव सिद्ध घटना बताता हूँ। आधी रात को मैं पेट में दर्द की वजह से उठा - मेरी आंख भी नहीं खुली , पलक भी नहीं झपकी , मुझे समझ भी नहीं आया कि कौन सा विचार चल रहा है, मैं लाइट ऑन करने के लिए स्विच की तरफ बढ़ा ही था कि.......... पजामे में ही.......... दस्त हो गये। इस प्रकार आंत्रशोध यानि दस्त की गति ही सर्वाधिक है।