Saturday, January 15, 2011

संता की सलवार, महंगाई का मीटर प्याज, टॉयलेटव्यापी भगवान

न्यूज चैनल देखता हुआ संता बहुत ही गुस्से में था, बोला -
अगर मुझे बस एक दिन के लिए प्रधानमंत्री की कुर्सी मिल जाये, तो मैं सारी सरकारी व्यवस्था को ठीक कर दूंगा।

सुनकर जीतो बोली - ये सब बाद में करते रहना, सुबह से मेरी सलवार पहनकर यहां वहां डोल रहे हो, पहले उसे उतार अपनी पेंट तो पहन लो।
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होटल में लंच के लिए बैठी सलमा अपनी सहेली से बोली - लगता है सामने के टेबल पर बैठा लड़का मोटी आसामी है, काफी अमीर है।
जीतो - क्यों - तुम्हें ऐसा क्यों लगा?
सलमा - अभी मैं उसके पास से निकली, तो उसके मुंह से प्याज की बू आ रही थी।
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पंडित बदरी के बेटे कजलू को नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ाया जा रहा था।
गुरू ने कहा - बेटा भगवान हर कहीं है, आस-पास, ऊपर नीचे, आगे पीेछे सब जगह भगवान है।
कजलू बोला - हां हां गुरूजी , भगवान टॉयलेट में भी होता है।
गुरू ने इस अजीब से वाक्य को सुन पूछा - वो कैसे?
कजलू - मेरे पिता जी सुबह सुबह जब भी पाखाने के लिए जाते हैं, जोर जोर से शोर मचाते हैं, आधा घंटा हो गया, कब तक इंतजार करूं, आफिस के लिए देरी हो रही है, .... हे भागवान अब तो निकल आओ। रोज यही सुनकर मेरी नींद खुल जाती है।
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नटवरलाल - मुझे शादी में सुसराल वालों ने बीएमडब्ल्यू दी है।
झुमरू - लेकिन हमें तो तुम्हारे घर में कार कहीं भी नजर नहीं आई।
नटवरलाल - क्यों मैंने तुम्हें अपनी नई नवेली बी.एम.डब्ल्यू. (बहुत मोटी वाईफ) से नहीं मिलवाया?