Saturday, July 24, 2010

हंसी मजाक से सबक 24 जुलाई 2010


रिजल्ट के बाद
पास होने पर:
टीचर - अरे! आखिर पढ़ाया किसने था?
मम्मी - सब ऊपर वाले की मेहरबानी है?
पापा - आखिर बेटा किसका है।
दोस्त - वाह यार! क्या बात है?  चल इसी बात पर पार्टी हो जाये?

फेल होने पर:
टीचर - मैं जानता था, इसका पढ़ाई में मन ही नहीं लगता था।
मम्मी - ये सब मोबाइल और इंटरनेट की वजह से हुआ।
पापा - अरी भागवान तुम्हारा ही बेटा है और लाड प्यार करो, सिर पर बिठाओ...

.... पर दोस्त नहीं बदलता।
दोस्त - कोई बात नहीं यार, दुखी क्यों होता है, अगले साल सही। मूड मत खराब कर, चल कुछ खा पीकर मूड फ्रेश करते हैं।

नैतिक शिक्षा - दोस्तों को आपकी सफलता असफलता से कोई सरोकार नहीं, उनको अपने नाश्ते की फिक्र होती है।