Tuesday, February 8, 2011

जीवन की मनुहार, अन्‍नुमलि‍क का प्‍यार, पहलवान की हकीकत, पंडि‍त संतराम की मुसीबत

डॉक्‍टर बंता से: बच्चे को उबाल कर पानी पिलाना।
बंता: बच्चे को उबालूंगा तो वो मर तो नहीं जायेगा?
------------x------------x------------x-----------
फिल्म में जीवन खलनायक था, हिरोईन को छेड़ते हुए बोला - जानेमन इस दिल में चली आओ?
हिरोईन - गुस्से से, सेंडिल उतारूं क्या?
जीवन - नहीं जानेमन मेरा दिल मंदिर-मस्जिद नहीं है ना, तुम सेंडिल पहनकर भी आ सकती हो।
------------x------------x------------x-----------
बेटे ने अन्नुमलिक से पूछा - पापा 2 और 12 जोड़ने पर कितने होते हैं?
अन्नुमलिक: गधे की औलाद, तुम नालायक ही रहोगे, इतने बड़े हो गये हो फिर भी तुम्हें कुछ नहीं आता, जाओ अन्दर से कैल्क्यूलेटर लेकर आओ।
------------x------------x------------x-----------
एक भिखारी ने डोमिनो पिज्जा हट वालों को आर्डर किया  - हैलो पिज्जा हट?
पिज्जा हट - यस सर कहिये हम आपकी क्या सेवा कर सकते हैं?
भिखारी - एक बड़ा पिज्जा, फिंगर्स और डेढ़ ली. की पेप्सी भेज दो।
पिज्जा हट- आर्डर किसके नाम से बनाकर, कहां भेज दूं सर?
भिखारी - अल्लाह के नाम पर, रेल्वे स्टेशन के सामने।
------------x------------x------------x-----------
दगड़ू पहलवान ने किस्सा सुनाया -
हमारी बस रात को एक जंगल से गुजर रही थी। मुझे पेशाब आया तो मैंने बस रूकवा ली और जंगल के अन्दर चला गया। मैं पेशाब करने ही वाला था कि सामने शेर आ गया।
श्रोता - तो फिर क्या हुआ?
दगड़ू पहलवान - फिर क्या होना था, मैंने शेर से कहा, मेरी तो निकल गई है, तुम्हें भी पेशाब वगैरह करनी है तो कर लो।

------------x------------x------------x-----------


एक दिन पत्नी मूड में थी... उसे संतराम पर प्यार आया तो उसका सिर गोद में रखकर सहलाते हुए उसने पूछा - कैसा लग रहा है जी?
पंडित संतराम - बस ऐसा लग रहा है मैं भगवान विष्णु हूँ और शेषनाग की शैया पर लेटा हुआ हूँ।