Saturday, July 3, 2010

आप कि‍स तरह बैठकर ज्‍यादा हंस सकते हैं


मैं आप सबका नियाग्रा जल प्रपात पर हार्दिक स्वागत करता हूं। यह दुनियां का सबसे बड़ा जल प्रपात है। यहां पानी इतनी गहराई पर गि‍रता है कि‍ इससे होने वाली आवाज उससे भी ज्यादा है, जो आवाज आपके पास से ही 20 सुपरसोनिक विमानों के गुजरने से हो। तो अब महिलाओं से निवेदन है कि वो चुप रहें ताकि हम इस नियाग्रा जल प्रपात से होने वाली आवाज को सुन सकें।
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संता बहादुर और बंता बवंडर नाम के दो अजीज दोस्त थे। संता फौज में था, शादी के लिए छुट्टियों में घर आया था। शादी हो गई पर सुहागरात को ही, अचानक लड़ाई छिड़ जाने पर बुलावा आया और संता को बार्डर पर जाना था।
उसने राशनपानी का इंतजाम कर बीवी को कमरे में बंद किया और बाहर से ताला लगाकर चाबी अपने परम भरोसेमंद मित्र बंता को दे दी।
रेलवे स्टेशन पर उसकी ट्रेन छूटने ही वाली थी कि उसका नाम लेती हुई भीड़ को देख उसने डिब्बे का दरवाजा खोला।
उसने देखा बंता बहुत तेजी से भागता हुआ उस तक पहुंचा और हांफता हुआ बोला - तुमने मुझे गलत चाबी दी है।
संता - पर तुम ऐसा क्यों कह रहे हो।
बंता के मुंह से अचानक निकला - उससे तो दरवाजा खुल ही नहीं रहा।
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कामनदास की हाथ की रेखाएं पढ़ते हुए
पंडित जी बोले: तुम्हारी जिन्दगी में 6 लड़कियां आयेंगी।
कामनदास: आश्चर्यचकित और खुश होकर ''सच पंडितजी !''
पंडित: हाँ, उनमें से एक तुम्हारी बीवी होगी और अन्य 5 बेटियाँ।
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पति-पत्‍‌नी में झगडा हो रहा था। पत्‍‌नी सुबकते हुए बोली- काश मैंने अपनी मां की राय मानी होती और तुमसे शादी न की होती।
पति- क्या..? तुम्हारा मतलब तुम्हारी मां ने तुम्हें मुझसे शादी न करने की राय दी थी?
पत्‍‌नी- और नहीं तो क्या?
पति- हे भगवान ! और मैं आज तक उस औरत को कितना गलत समझता था....

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एक अंधा अपने कुत्ते के साथ एक कोने में खड़ा था।
तभी उसके कुत्ते ने टांग उठाई और उसकी पेंट पर पेशाब कर दिया।
अंधे ने अपनी जेब से कुत्तों को खिलाया जाने वाला बिस्कुट निकाला और कुत्ते को खिलाने के लिए आगे बढ़ाया।
तभी यह सब देख रहा एक व्यक्ति उस अन्धे के पास आया और बोला - ये आप क्या कर रहे हैं इस ईनाम तो इस कुत्ते की आदत और खराब होगी, ये कोई अच्छी बात नहीं सीखेगा।
अंधा बोला - श्रीमान मै। इसे ईनाम नहीं दे रहा, मैं तो यह देखना चाह रहा था कि इसका मुंह किस तरफ है ताकि मैं इसके पिछाड़े पर जोरदार लात जमा सकूं।
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बंता जब रात को दारू पीकर घर लौटा तो उसके अंदर साहस की लहरें हिलोरे मार रही थी। आते ही बंतानी के दो थप्पड़ जड़ दिये।
बंतानी बड़ी हैरान हुई, बोली - क्या बात है? ये आज तुम्हें हो क्या गया है? क्या तुम्हें मेरा जरा भी लिहाज नहीं रहा।
हकीकत जान बंता की सारा नशा उतर गया, तुरन्त समर्पण की मुद्रा में आते हुए बोला - ना बंतानी वो क्या है कि आज दोस्तों ने पिला दी.. फिर ये तो प्यार था, मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं।
उसके बाद बंतानी ने बंता पर थप्पड़ों की बरसात कर दी। जब बंता संभला तो बोला - ये क्या बंतानी?
बंतानी - तुम क्या समझते हो तुम ही मुझसे प्यार करते हो, मैं तुमसे प्यार नहीं करती?
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मंगू भिखारी: बाबू जी 1 रूपये का सवाल है, बस एक रूपये दे दो।
सज्जन सिंह: हट्टे कट्टे दिख रहे हो, भले चंगे हो कोई काम धंधा करो, एक रूपया क्यों मांग रहे हो?
मंगू भिखारी: बाबू जी, गरीब आदमी हूं अब आपकी बहन का हाथ तो मांग नहीं सकता!
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संता बंता से : यार तू ऑफिस में तो बड़ा शेर बनता है, घर पर जाते ही क्या हो जाता है? 
बंताः होता तो मैं घर पर भी शेर ही हूं पर घरवाली मुझ पर दुर्गा बन के सवार हो जाती है।
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शादी की सालगिरह पर संता-संतानी एक धार्मिक स्थल पर गये, जहां एक मनौती पूरी करने वाला कुंआ था।
सबसे पहले संता ने मनौती मांगी।
उसके बाद जैसे ही संतानी मनौती मांगने कुंए के किनारे गई, उसका पैर फिसला और वो सीधे कुंए में गिरकर डूब गई।
संता हैरान होकर बोला: अरे! इतना चमत्कारी कुंआ।

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मउझए नहइं पतअ इक हम खउद वह बआत सअमअझ पआ रहए हऐन्‍ यआ नहईन्! पर आप समझें हैं तो बतायें इक आदअमइ कआ इदमआग शअब्द कओ इकट्ठआ नआ इक अक्षअर अक्षअर करअकए नहईन्!