मालिक - अभी तक तुमसे मच्छर नहीं मरे? मेरे कानों में अभी भी मच्छरों की भनभनाहट गूंज रही है?
नौकर - जी साहब मैंने मच्छर तो सभी के सभी मार डाले हैं, ये तो उनकी विधवा बीवीयों के रोने-धोने का शोर है।
नौकर - जी साहब मैंने मच्छर तो सभी के सभी मार डाले हैं, ये तो उनकी विधवा बीवीयों के रोने-धोने का शोर है।
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जुम्मन मियाँ - अपने 16 बच्चों और बीवी के साथ अपने एक दूर के दोस्त की शादी पार्टी में में पहुंचे।
दोस्त शमसुद्दीन को सारी पलटन को आया हुआ देख बहुत कोफ्त हुई और वह खीझकर बोला - हया नहीं आई? (यानि तुम्हें शर्म नहीं आई )
जुम्मन मियाँ बोले - नहीं, उसका एक्जाम है आज।
दोस्त शमसुद्दीन को सारी पलटन को आया हुआ देख बहुत कोफ्त हुई और वह खीझकर बोला - हया नहीं आई? (यानि तुम्हें शर्म नहीं आई )
जुम्मन मियाँ बोले - नहीं, उसका एक्जाम है आज।
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लालू प्रसाद के यहां चारा खत्म हो गया, अपनी सरकार रही नहीं तो वह एक दुकान पर गये और बोले - गाय के लिए 50 किलो चारा चाहिये?
दुकानदार (लालू को पहचान गया) बोला - यहीं खाओगे, या घर ले जाने के लिए बांध दूं?
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फिल्मी कलाकारों के एक समारोह की खबर सुनकर, सुन्दर-सुन्दर हीरोईनों के लालच में एक ड्रेकुला वहां आ पहुंचा। सारी हीरोइनों में अफरातफरी मच गई, शोर शराबे के बीच तांत्रिक चन्द्रास्वामी ने हीरोईनों को इस पिशाच से बचने का उपाय बताया। चन्द्रा स्वामी ने कहा कि सारी हीरोईनें अपने चेहरे से मेकअप हटा दें, चेहरा धोकर आ जायें।
जैसे ही सारी हीरोईने मुंह धोकर आईं, हीरोईनों के पहली बार असली चेहरे देखकर.. ड्रेकूला दुम दबाकर भाग गया।
जैसे ही सारी हीरोईने मुंह धोकर आईं, हीरोईनों के पहली बार असली चेहरे देखकर.. ड्रेकूला दुम दबाकर भाग गया।
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गमगीन बंता देवदास की तरह दारू का गिलास सामने रखकर दर्दभरे गीत गा रहा था।
तभी उसका दोस्त संता उसके पास आया और उसे सांत्वना देने लगा, हौसला अफजाई के दौरान ही संता ने बात ही बात में दारू का गिलास उठाया और एक ही घूंट में खत्म कर दिया।
इस पर बंता फफक-फफक कर रोने लगा, बोला - आज का दिन ही खराब है?
संता बोला - तू मुझे बता, तेरे दिल हल्का हो जायेगा।
बंता बोला - आज का दिन ही बुरा है यार। सुबह घर से निकलते वक्त बीवी से झगड़ा हो गया, वो छोड़कर चली गई। रास्ते में गाड़ी पंचर हो गई, दफ्तर लेट पहुंचा तो बाॅस ने नौकरी से निकाल दिया। दफ्तर से लौटा तो गलत पार्किंग की वजह से ट्रेफिक पुलिस ने चालान काट दिया और अब ...जब मैंने सोचा कि ऐसी जिन्दगी से तो मर जाना ही बेहतर है.... मैंने अपने लिये शराब में जहर मिला कर रखा था... वो तुम पी गये.... वाकई आज का तो दिन ही खराब है।
तभी उसका दोस्त संता उसके पास आया और उसे सांत्वना देने लगा, हौसला अफजाई के दौरान ही संता ने बात ही बात में दारू का गिलास उठाया और एक ही घूंट में खत्म कर दिया।
इस पर बंता फफक-फफक कर रोने लगा, बोला - आज का दिन ही खराब है?
संता बोला - तू मुझे बता, तेरे दिल हल्का हो जायेगा।
बंता बोला - आज का दिन ही बुरा है यार। सुबह घर से निकलते वक्त बीवी से झगड़ा हो गया, वो छोड़कर चली गई। रास्ते में गाड़ी पंचर हो गई, दफ्तर लेट पहुंचा तो बाॅस ने नौकरी से निकाल दिया। दफ्तर से लौटा तो गलत पार्किंग की वजह से ट्रेफिक पुलिस ने चालान काट दिया और अब ...जब मैंने सोचा कि ऐसी जिन्दगी से तो मर जाना ही बेहतर है.... मैंने अपने लिये शराब में जहर मिला कर रखा था... वो तुम पी गये.... वाकई आज का तो दिन ही खराब है।
वाकई आज का दिन ही खराब है.
ReplyDeleteआपकी दी हुई हंसने की दवाई मैंने जो पी ली.
सलाम.
लगे रहो भाई .
हंसाते रहो.
दुआ पाते रहो.
आपके ब्लॉग पर आकर अच्छा लगा , आप हमारे ब्लॉग पर भी आयें. यदि हमारा प्रयास आपको पसंद आये तो "फालोवर" बनकर हमारा उत्साहवर्धन अवश्य करें. साथ ही अपने अमूल्य सुझावों से हमें अवगत भी कराएँ, ताकि इस मंच को हम नयी दिशा दे सकें. धन्यवाद . हम आपकी प्रतीक्षा करेंगे ....
ReplyDeleteभारतीय ब्लॉग लेखक मंच
डंके की चोट पर
वाकई दिन खराब था।
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