Friday, September 16, 2011

संता शि‍कारी, प्रार्थनाएं, गुलाबो और अगली पगली

संता सिर पर शि‍कारी टोपी, पैरों में गम बूट और कंधे पर गन टांगे, सपरिवार एक अभ्यारण्य (वाइल्ड लाइफ सेन्चुरी ) में घूमने फिरने गया।
एक जगह पर अचानक एक शेर ने संता की पत्नि पर हमला कर दिया।
संता की पत्नि बोली - बचाओ! इसे शूट करो...शूट करो..
संता बोला - हां... हां अभी करता हूं.... मैं बस ... कैमरे की बैटरी बदल लूं।
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रैमो फर्नाडीज ने बाईबि‍ल की प्रार्थनायें  दीवारों पर फ्रेम कर लटका दी थी।
रैमो फर्नाडीज रोज रात को सोने से पहले जीसस से की बन्‍दगी करते हुए कहते  – “हे परमपि‍ता, तू जानता है ऑफि‍स में ओव्‍हरटाईम कर के मैं कि‍ना थक गया हूं । तू इन प्राथनाओं को आराम से पढ़ लेना …. मुझे नींद आ रही है …… !”
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बंता घर पहुंचा और उसने दरवाजा खटखटाया -
अन्‍दर से गुलाबो दरवाजे पर आकर बोली - कौन ?
बंता बोला - मैं.... !
गुलाबो - मैं कौन ?
बंता - लो... पगली तुम्‍हारा नाम गुलाबो है और क्‍या?
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अगली - मेरी हर आह हर सांस पर कोई ना कोई लड़का मरता है.
पगली - तो कोई अच्छा सा टूथपेस्ट क्यों नहीं इस्तेमाल करती, जि‍ससे मुंह में दि‍न भर ताजगी रहे, बदबू ना आये?